Monday, January 12, 2015

इस नौजवान खून में...


इस नौजवान खून में, तू आज फिर उबाल दे,
हो सके तो जन्म ये, बस देश पर ही वार दे,
उठ खड़ा हो भीड़ से और शेर बन दहाड़ दे,
झुण्ड छोड़, ज़ुल्म को बस एकला 'उखाड़' दे.
इस नौजवान खून में, तू आज फिर उबाल दे।


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