Saturday, December 22, 2012

सड़कों पर आओ

घड़ीयाली आसूँ मत बहाओ, आप भी हम लोगों के साथ सड़कों पर आओ|
एक तरफ कहा कि बहुत आहत हूँ इस घटना से और दूसरी तरफ़,
पुलिस वालों से आसूँ गैस के गोले और लाठीया बरसवाओ|
ये नाटक बंद करो मैडम ये पब्लिक सब जानती है,
इसीलिये, प्रधानमंत्री निवास, राष्ट्रपति आवास, पार्टी द़फ्तर
के सामने आके बार-2 हिसाब मांगति है |

लेकिन आप सबने तो आपने-2 घरों पे पुलिसिया पहरा बैठाया है,
आपको क्या फर्क पड़ने लगा कि पाँच साल से पहले आपके दरवाजे कौन आया है |

वह लड़की जो कल आयी थी मिलने, वह आज फिर बैठी है,
शर्म करो, अपने घरों के दरवाजे खोलो, मिलो हम लोगों से,
और जानने कि कम से कम कोशिश तो करो कि ऐसा क्या हुआ कि,
जिसने तुम्हे अपना 'नेता' चुना
आज वही जनता तुमसे इतनी रूठी है |

यूनान मिस्र रोम सब मिट गए जहाँ से, मुझे लगता है अब मिटने कि हमारी बारि है,
क्योंकि यहाँ खुले आम बेखौफ,
घूम रहे बलात्कारी और भ्रष्ट-आचरी हैं |


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