Saturday, August 3, 2013

सैंड माफिया

एक आईएस अधिकारी 'दुर्गा ' को उत्तर प्रदेश सरकार ने बर्खास्त कर दिया। गलत हुआ क्यूंकि वो सैंड माफिया से लड़ रही थी, वैसी भी इस देश में सचे और लड़ने वाले अधिकारी शायद ही हैं। इसीलिए जब ये खबर हमारे मीडिया रुपी बाजे में आई तब से सूना है की वो बस बज ही रहा है रुकने का नाम नहीं ले रहा।
जैसा मैं हमेशा कहता हूँ अजीब देश है मेरा, और उस से भी एक कदम आगे हमारा मीडिया, क्या पिछले छह महीनो में कभी किसी अछे अधिकारी का तबादला या बर्ख्स्तागी नहीं हुयी होगी, इस बाजे को देख के तो यही लगता है. मैं कहता हूँ ये बाजा दिल्ली के १०० -२००  किलो मीटर के बाहर के राग क्यूँ नहीं गाता क्यूँ बस दिल्ली, गुडगाँव, नोएडा के ही सुर अलाप करता रहता है।
मिर्च्पुर (हरियाणा) में अभी भी आगा लगी है, दबंग गिरी अभी भी ज्यों की त्यों है. क्या हुआ उनका जिन्होंने एक दलित की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. ये बाज गया कभी उन गलियों में ?
दूसरी बात, 'दुर्गा' सैंड माफिया से लड़ रही थी, अच्छा, ठीक है. अब ये सैंड माफिया है क्या चीज़ - तो कहानी कुछ इस तरह है की इस नॉएडा और ग्रेटर नॉएडा में कंस्ट्रक्शन का काम बड़े ज़ोरों शोरों से चल रहा है, विकास हो रहा है भाई, कोई छोटी मोती बात थोड़ी ना है. अब सुनिए, जब ये विकास कार्य हो रहा है तो इसमें मिटटी की ज़रूरत पड़ती है। (मतलब कंकरीट के घर बनाने की लिए भी मिटटी तो चाहिए). अब इन तथाकथीत शहरी विकास के पुरोधाओं से पूछे की जब ये अपनी प्लानिग कर रहे थे , तब क्या इनकी अकल पे ताले पड़े थे जो इन्होने नहीं सोचा की इतनी मिटटी कहाँ से आयेगि। विकास तो होना है इसलिए बिल्डर्स ने इलीगल तरीके से नदी को काटना शुरू कर दिया, क्या करे 'बेचारा' इतनी मिटटी कहाँ से लाये इस कंकरीट की दुनिया मे.
हमारी लगभग सारी के सारी अर्बन रूरल प्लानिंग ऐसी ही है, किसी बस अड्डे, मेट्रो स्टेशन के पास साइकिल रिक्शा या ऑटो रिक्शा रुकने की जगह नहीं है, कुछ -२ जगहों को छोड़ दें तो फेरी वालों के लिए जगह ही नहीं है. लेकिन ये सब फिर भी खड़े तो होते हों उसी जगह पे क्योंकि आम आदमी को ज़रूरत है इन लोगों की. अब अगर कोई अफसर या पुलिसवाला इनको हटाये तो जनता उसके खिलाफ हो जायेगी और नेताओं के पास जाएगी, अगर नहीं हटाये तो हम बोलेंगे की ये अफसर चोर हैं, पैसे खाते है.
बड़ी अजीब समस्या है भाई यह तो, अब इसमें गलती नेताओं की है, अफसरों की या फिर हमारी ….

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