Sunday, December 28, 2014

हम अभी से क्या बताएं

बात और बिन बात कहना,
बोलकर खामोश रहना आजकल फैशन में है
कुछ न हो तो बस ये कह दो,
'वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ओ आसमां 
हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है ' ।

देश का ठेका उठाये ,
मूढ़ता को सर बिठाए ,
हर गली कूचे गुजरना और सीना ठोक कहना ,
के वादी में बहुमत से हैं ,
हम अभी से क्या बताएं, क्या हमारे दिल में है।

इस धरा की शान देखो ,
मान और अभिमान देखो ,
फिर ना कहना के जहाँ की
किस्मत गर्दिश में है ,
हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है।

लाख कोशिश कर चुका हूँ ,
चीख कर भी थक चूका हूँ ,
अब यहीं बस तुम बता दो क्या तुम्हारे बस में है
बहुत हुआ हर बार कहना
'वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ओ आसमां
हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है ' ।




**'वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ओ आसमां हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है ' ।  यह अमर पंक्तियाँ शहीद बिस्मिल की हैं **

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