Monday, December 16, 2013

सिद्धांत

चलो कुछ कर दिखाएं,
सिद्धांतों कि दौड़ में
एक दुसरे से आगे निकल जाएँ,
हाँ भाई, आगे आने वाले को इनाम मिलता है
जो नैतिक हो, वोट उसी को पड़ता है,

पर भाईसाहब इलेक्शन ख़त्म हो गया,
अब सरकार बनाने कि बारी है
और जनता कि सेवा करना ही आपकी जिमेदारी है

बस यही तो अपनी सोच में पीछे रह गए
छोटे फायदे के लिए, बड़ा नुक्सान कर गए.
हम ऐसा हरगिज ना करेंगे,
जिसे सरकार बनानी है बनाये,
पर हम इस पाप में कतई भागीदार नहीं बनेंगें

अरे आगे का इलेक्शन भी तो देखना है
किसकी लहर हो, कौन आगे हो वह भी तो सोचना है
मै एक राजनैतिक पार्टी हूँ, सिर्फ इलेक्शन दिखता है,
उसमे पैसा आपकी जेब से भी गर जाए, मुझे क्या फर्क पड़ता है.

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